Sunday, June 30, 2013

Drawing by Akshay Ameria. Mix-media on paper. / 2010

पंचतत्व

मेरी देह से मिट्टी निकाल लो और बंजरों में छिड़क दो
मेरी देह से जल निकाल लो और रेगिस्तान में नहरें बहाओ
मेरी देह से निकाल लो आसमान और बेघरों की छत बनाओ
मेरी देह से निकाल लो हवा और यहूदी कैम्पों की वायु शुद्धकराओ
मेरी देह से आग निकाल लो, तुम्हारा दिल बहुत ठंडा है  

- गीत चतुर्वेदी

Sunday, June 23, 2013

Drawing by Akshay Ameria. Mix-media on paper. / 2012

I have spent most of my life surrounded by things I love.
In spite of having things around me.

Friday, June 21, 2013

Wednesday, June 19, 2013





Mix-media drawing by Akshay Ameria / 2013


इस दौर में जो हँस रहा है
हादसों की ख़बर उस तक नहीं पहुंची है .
जो खुश है वो या तो डरा हुआ है
या खुद किसी जुर्म में शामिल है.
यह एक ऐसा दौर है
जिसमें मारा जायेगा वो ही जो बेगुनाह है.

फिल्म "मोहनदास" के संवाद की पंक्ति .
निर्देशक : मजहर कामरान / २००९

Tuesday, June 18, 2013

Monday, June 17, 2013

Sunday, June 16, 2013